जम्मू-कश्मीर / घाटी से जाकिर मूसा के आतंकी संगठन का सफाया, आखिरी दहशतगर्द लल्हारी का भी खात्मा


 




 

 


जम्मू-कश्मीर / घाटी से जाकिर मूसा के आतंकी संगठन का सफाया, आखिरी दहशतगर्द लल्हारी का भी खात्मा: डीजीपी


 





दिलबाग सिंह ने कहा- लेकिन भविष्य में यह संगठन फिर पनप सकता है।दिलबाग सिंह ने कहा- लेकिन भविष्य में यह संगठन फिर पनप सकता है।






  • अंवतीपोरा में 22 अक्टूबर को हुए एनकाउंटर में गजवत उल हिंद का मुखिया अब्दुल हमीद लल्हारी मारा गया

  • 2016 में जाकिर मूसा ने गजवत की नींव रखी थी, मई 2019 में उसके एनकाउंटर के लल्हारी ने कमान संभाली



 



श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बुधवार को दावा किया कि राज्य से जाकिर मूसा के आतंकी संगठन गजवत उल हिंद का सफाया हो गया है। उन्होंने कहा कि इस संगठन का आखिरी आतंकी अब्दुल हमीद लल्हारी मंगलवार को अंवतीपोरा में हुए एनकाउंटर में सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया।


दिलबाग सिंह ने कहा- फिलहाल राज्य से गजवत उल हिंद का सफाया हो गया है, लेकिन भविष्य में यह संगठन फिर पनप सकता है।


अल-कायदा से जुड़ा था गजवत उल हिंद
जाकिर मूसा के बाद गजवत को संभाल रहा लल्हारी उन तीन आतंकियों में शामिल था, जिन्हें सुरक्षाबलों ने अवंतीपोरा में हुए एनकाउंटर में मार गिराया था। सभी आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के साथ मिलकर काम कर रहे थे, जबकि गजवत उल हिंद अल-कायदा से जुड़ा हुआ था। आतंकियों के खिलाफ अभियान तेजी पकड़ रहा है।


'आतंकी संगठनों में युवाओं के शामिल होने की रफ्तार धीमी'
सिंह ने कहा, ''जाकिर मूसा घाटी में 2016 में एक्टिव हुआ था और कुछ बड़े हमलों को अंजाम दिया। कुछ लोग कह रहे थे कि राज्य से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद माना जा रहा था कि युवा बड़ी तादाद में आतंकी संगठनों में शामिल होंगे, लेकिन इस दौरान युवाओं के इन संगठनों में शामिल होने की रफ्तार कम रही। हालांकि, कुछ युवा संगठनों में शामिल हुए हैं, लेकिन अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि वे आतंकी बने या नहीं।''


'बच्चों को हिरासत में लिए जाने की बात प्रोपेगैंडा'
बच्चों को हिरासत में लिए जाने के एक सवाल पर डीजीपी ने कहा- कई जगह गलत बातें फैलाई जा रही हैं, यह प्रोपेगैंडा है। कुछ बेहद गैर-जिम्मेदाराना मीडिया धड़ों में इस बात को फैलाया जा रहा है। इन लोगों ने बिना किसी साक्ष्य और आंकड़ों के ही इस तरह की बातें कहनी शुरू कर दीं। मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि जो भी एक्शन लिया गया होगा, उसके पीछे बेहद मजबूत वजह रही होगी।